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Friday, July 22, 2011

......मुझे भी कुछ कहना है: मंदिर की घंटियाँ शंख की गूँज मन्त्रों की बुदबुदाहट...

......मुझे भी कुछ कहना है: मंदिर की घंटियाँ शंख की गूँज मन्त्रों की बुदबुदाहट...: " मंदिर की घंटियाँ शंख की गूँज मन्त्रों की बुदबुदाहट  तहस-नहस कर देता है मेरे अस्तित्व को  बेचैन हो जाता हूँ मैं जब मेरे नथुनों में  घुसता है..."

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